चिकित्सा शिक्षा

भारतीय चिकित्‍सा परिषद और भारतीय दंत चिकित्‍सा परिषद की स्‍थापना देश में चिकित्‍सा और दंत चिकित्‍सा शिक्षा को विनियमित करने की दृष्‍टि से संसद के अधिनियमों के अंतर्गत की गई थी। दो सांविधिक निकायों के विनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत कोई चिकित्‍सा या दंत चिकित्‍सा कॉलेज केन्‍द्र सरकार की पूर्व अनुमति लिए बिना स्‍थापित नहीं किया जा सकता या अपनी क्षमता को बढ़ा नहीं सकता। भारतीय चिकित्‍सा परिषद अधिनियम, 1956 की धारा 10क के अनुसार, ऐसे कॉलेजों को केन्‍द्र सरकार की अनुमति प्रारंभ में एक वर्ष अर्थात् एक कैलेण्‍डर वर्ष में छात्रों के केवल एक बैच का दाखिला करने के लिए प्रदान की जाती है। वार्षिक लक्ष्‍यों की उपलब्‍धियों का सत्‍यापन करने के बाद अनुमति का वार्षिक आधार पर नवीकरण किया जाता है। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक पूर्ण अपेक्षित अवसंरचना का सृजन नहीं कर लिया जाता और संगत अधिनियम के अंतर्गत ही मान्‍यता प्रदान की जाती है।

भारत सरकार से अपेक्षित अनुमति लिए बिना दाखिला करना अनियमित माना जाएगा। कॉलेजों द्वारा दाखिल छात्रों को अपेक्षित अनुमोदन / नवीकरण प्राप्‍त किए बिना डिग्री प्रदान करने पर भारत में चिकित्‍सा / दंत चिकित्‍सा की प्रेक्‍टिस करने की मान्‍यता नहीं दी जाएगी। अत: माता-पिता और छात्रों को एतदृद्वारा यह सलाह दी जाती है कि वे शैक्षणिक वर्ष 2004-2005 के लिए छात्रों का दाखिला करने के लिए कॉलेजों की स्‍थिति का एमबीबीएस/ बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने से पहले केन्‍द्र सरकार और एमसीआई / डीसीआई से सत्‍यापन करा लें। जनता की भलाई के लिए भारत में एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों का संचालन करने वाले अनुमोदित चिकित्‍सा और दंत चिकित्‍सा कॉलेजों की सूची के साथ-साथ वर्ष 2004-2005 के लिए दाखिला लेने की वर्तमान स्‍थिति को दर्शाया गया है।

विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों और चिकित्‍सा संस्‍थानों द्वारा प्रदत्‍त सभी स्‍नातक और स्‍नातकोत्‍तर चिकित्‍सा डिग्री / डिप्‍लोमा, जिन्‍हें आईएमसी अधिनियम, 1956 की धारा 11(2) के अंतर्गत मान्‍यता दी गई है, को प्रत्‍यक पाठ्यक्रम का आयोजन करने वाले अनुमोदित संस्‍थानों के नाम सहित दर्शाया गया है। इसमें विश्‍वविद्यालयों द्वारा प्रदत्‍त कुछ स्‍नातकोत्‍तर डिग्री/ डिप्‍लोमा शामिल नहीं हैं जिन्‍हें संबंधित संस्‍थानों द्वारा आईएमसी (संशोधन) अधिनियम, 1993 के लागू होने से पूर्व राज्‍य सरकारों / विश्‍वविद्यालयों के अनुमोदन से शुरू किया गया था। संबंधित संस्‍थानों से संबद्ध विश्‍वविद्यालयों के जरिए आईएमसी अधिनियम, 1956 की धारा 11(2) के अंतर्गत ऐसी डिग्री / डिप्‍लोमा को मान्‍यता देने के लिए केन्‍द्र सरकार को आवेदन करने का अनुरोध किया जाता है और तब तक ये डिग्रियां अधिनियम के उद्देश्‍यों के लिए गैर-मान्‍यता प्राप्‍त बनी रहेंगी।

इस साइट की सूचना को लगातार अद्यतन किया जाता है।

भारतीय चिकित्‍सा संस्‍थानों में चिकित्‍सा शिक्षा प्राप्‍त करने के इच्‍छुक छात्रों से संबंधित विशिष्‍ट सूचना निम्‍नानुसार है। एमबीबीएस की शिक्षा प्रदान करने वाले कॉलेजों की सूची, पीजी पाठ्यक्रम कराने वाले कॉलेजों की सूची, इंटर्नशिप, अस्‍पतालों की सूची, हाउसमैनशिप अस्‍पतालों की सूची।